CHACHI KI SATH CHUDAI

                    मेरा नाम राजन है और मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी की एक छोटी सी किराने की दुकान है। अब मैं ही उस दुकान पर बैठा करता हूं क्योंकि मेरे पिताजी की उम्र हो चुकी है इसलिए वह घर पर ही रहते हैं। उनकी दुकान बहुत ही पुरानी है इस वजह से मुझे उस दुकान का काम संभालना पड़ रहा है। मेरी दुकान में जितने भी आस पास के लोग हैं वह सब लोग मेरे यहीं से सामान लेकर जाते हैं और कभी मैं उनके घर पर सामान भिजवा दिया करता हूं अब मुझे भी काम करते हुए काफी समय हो चुका है।
                  एक दिन हमारे मोहल्ले में एक आंटी आई। उन्हें देखकर मुझे ना जाने क्यों अच्छा लगता है। वह बहुत ही अच्छी हैं। मैं ना चाहते हुए भी उनकी तरफ देख लेता हूं। वह भी मुझे देखती रहती हैं परंतु हम दोनों ने कभी भी आपस में बात नहीं की। वह मेरे घर के सामने वाले घर में ही रहती हैं जिससे कि वो अक्सर मुझे छत पर भी दिखाई देती हैं और जब भी मैं अपनी दुकान पर जाता हूं तो मुझे वह दिख जाती हैं। उनके घर में उनके दो छोटे बच्चे हैं और उनके पति एक सरकारी नौकरी करते हैं। उनके बड़े बेटे की उम्र 18 वर्ष होगी।
                    एक दिन वह मेरी दुकान में सामान लेने के लिए आए। वह मेरी दुकान से सामान ले कर चली गई। उनका मेरी दुकान में आना अक्सर होता रहता था परन्तु वह मुझसे बात नहीं किया करती थी,  सिर्फ सामान ले कर चली जाती थी लेकिन एक दिन उन्होंने मुझसे बात कर ही ली और मैंने भी उनसे बात कर ली। जब उन्होंने मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना नाम उन्हें बता दिया और मैंने भी उनसे उनका नाम पूछ लिया उनका का नाम कविता है। मैने उन्हें कहा कि आप तो हमारी ही पड़ोस में रहती हैं। वह कहने लगी, हां मैं तुम्हारे ही पड़ोस में रहती हूं। अब हम दोनों के बीच में काफी बातें होने लगी और वह जब भी मेरी दुकान में आती तो वह मुझसे मेरे हाल चाल पूछा करती थी और मेरे काम के बारे में पूछती थी तो मुझे बहुत अच्छा लगता था।
                      वह जब भी मुझसे मिलने आती तो मैं हमेशा उनसे मुस्कुरा कर बात किया करता था और वह भी मुझसे मुस्कुरा कर बात किया करती थी। हम दोनों के बीच में बहुत ही बातें होने लगी थी। अब मेरी उनसे दोस्ती होने लगी और मैंने एक दिन उन्हें बता दिया कि आप मुझे बड़ी ही अच्छी लगती हैं। उन्होंने उस दिन कुछ भी जवाब नहीं दिया और वह अपने घर चली गई लेकिन उन्होंने मुझे फोन किया और कहने लगे की तुम कुछ सामान हमारे घर पर भिजवा दो। मैंने उनके घर पर सामान भिजवा दिया। जब मैंने उनके घर पर सामान भिजवाया तो उन्होंने मुझे फोन करते हुए कहा कि अभी मेरे पास पैसे नहीं है मैं तुम्हें कल पैसे दे दूंगी। फिर मैंने कहा, पैसे की कोई भी बात नहीं है, आपको जब भी सामान चाहिए होता है तो आप मुझे बता दीजिएगा, मैं आपके घर पर ही सामान भिजवा दिया करूंगा लेकिन उन्होने अगले दिन ही मुझे पैसे दे दिए और जब भी उन्हें सामान चाहिए होता था तो वह मुझे फोन पर ही बता देती थी और मैं उनके घर पर ही सामान भिजवा देता था। जब उनके पास समय होता तो वह मेरी दुकान में आ जाती है और मुझसे बहुत देर तक बात किया करते थे। अब शायद उन्हें भी मुझसे बात करना अच्छा लग रहा था और वह भी मुझसे बहुत ही अच्छे से बात किया करती थी। अब हम दोनों के बीच में एक घनिष्ठता सी होने लगी थी और ऐसा कोई भी दिन नहीं होता जिस दिन वह मेरी दुकान में नहीं आती थी। वह हमेशा ही मेरी दुकान में आती थी और मैं उनसे अच्छे से बात किया करता था। अब उन्हें भी मेरे साथ समय बिताना बहुत ही अच्छा लगता था।
                               मैंने एक दिन उन्हें कह दिया कि यदि आपके पास समय हो तो आप मेरे साथ मूवी देखने चलोगे। वह कहने लगे ठीक है तुम कल का प्लान बना लो, हम लोग घूमने चलते हैं। फिर हम अगले दिन मूवी देखने के लिए चले गए। मूवी का शो शुरू होने वाला था उससे पहले हम दोनों बाहर बैठकर काफी देर तक बात कर रहे थे और मैंने उनके लिए पॉपकॉर्न भी ले लिया था। अब वह मेरे साथ बैठकर पॉपकॉर्न खा रही थी। हम दोनों बड़े ही अच्छे से बात कर रहे थे और हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिता रहे थे। वह मुझसे खुलकर बात कर रही थी और मुझे भी उनसे बात करना बहुत ही अच्छा लग रहा था। बीच-बीच में एक-दो बार मैं उनका हाथ भी पकड़ लिया करता जिससे कि वह मुझे देखकर मुस्कुरा दिया करते थे और मुझे बड़ा ही अच्छा लगता है जब वो मुस्कुरा देती थी। जब मूवी शुरू हो गई तो हम दोनों मूवी देखने लगे। वह बहुत ही ज्यादा खुश हो रही थी। वह कह रहे थे कि मूवी तो बहुत ही अच्छी है। अब हम दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया था और जब हम दोनों साथ में बैठकर मूवी देख रहे थे तो  उन्होंने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा लिया। जब उन्होंने मेरे कंधे पर सिर रखा तो मुझे भी बहुत ही अच्छा लगने लगा। हम लोगों ने काफी देर तक मूवी देख कर इंजॉय किया। जब मूवी खत्म हो गई तो हम दोनों साथ में ही घर चले गए।  हम लोग जब घर जा रहे थे तो वह कहने लगी कि आज मुझे तुम्हारे साथ बहुत ही अच्छा लगा। अब हम लोग अक्सर मूवी देखने का प्लान कर लिया करते और हम लोग मूवी देखने चले जाया करते थे।
                           एक दिन उन्होंने मुझे फोन करते हुए कहा कि तुम आज मेरे घर पर आ जाओ। मैंने उन्हें कहा कि आपको क्या कुछ काम है वह कहने लगी कि तुम दुकान से कुछ सामान ले आना  उन्होंने मुझसे सामान मंगवा लिया और मैं उनके घर चला गया। जब मैने उनके घर गया तो मैंने उनकी डोरबेल बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोलते हुए मुझे अंदर बुला लिया। मै उनके सोफे पर बैठा हुआ था और वह मेरे लिए पानी ले आई मैंने जब वो पानी पिया तो वह मेरे सामने बैठी हुई थी। वह मुझे कहने लगी कि आज मेरा मन कुछ ज्यादा ही सेक्स करने का हो रहा है मैंने सोचा मैं तुमसे आज बात कर ही लेती हूं।
                     जब उन्होंने यह बात मुझे कहीं तो मैं उनका हाथ पकड़ते हुए उनके बेडरूम में ले गया तो मैने उनके बेड पर उन्हें बैठा दिया। उन्होंने मेरे पैंट से मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और मेरे लंड को हिलाने लगी। उन्होंने बहुत देर तक मेरे लंड को हिलाना जारी रखा जिससे कि मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। अब उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लेते हुए चूसना शुरू किया। वह बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी और उन्हें बहुत ही मजा आ रहा था उन्होंने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को समा लिया था। 
           मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वह मेरे लंड को ना खा जाएं वह बहुत ही अच्छे से लंड को अंदर बाहर कर रही थी। अब उन्होंने अपनी चूतड़ों को मेरे आगे कर दिया और मैंने उनकी चूतड़ों को चाटना शुरू किया। जब मैं उनके चूतड़ों को चाट रहा था तो उससे बहुत ही ज्यादा चिपचिपा निकलने लगा और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था। मैंने उनकी बड़ी सी गांड को पकडते हुए अपने लंड को उनकी गांड मे डालना शुरू किया जब मेरा लंड उनकी गांड के अंदर चला गया तो वह उछल पड़ी और उनकी गांड से खून आ गया। वह कहने लगी कि तुमने तो मेरी गांड फाड़ दी है उन्हें बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था लेकिन मैं बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। एक समय बाद ऐसा हुआ जब वह अपनी गांड को मुझसे मिलाने लगी और उनकी गांड से खून टपक रहा था। मेरा लंड भी बुरी तरीके से छिल चुका था और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उन्हें धक्के दिए जा रहा था। उन्हें भी बहुत अच्छा लग रहा था जब वह अपनी गांड को मुझसे टकरा रही थी। अब उनसे भी बिल्कुल नहीं रहा गया और मुझसे भी बिल्कुल नहीं रहा जा रहा था लेकिन हम दोनों अब भी लगे हुए थे। कुछ देर बाद मेरे लंड के ऊपर तक मेरा वीर्य आ गया जब मेरा माल उनकी गांड के अंदर घुसा तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा वह बहुत ही खुश हो गई। उन्होंने मेरे लंड को अपनी गांड से निकालते हुए अपने मुंह में समा लिया और उसे बहुत देर तक उन्होंने चूसना जारी रखा। कुछ देर बाद मेरे लंड से वीर्य निकल गया। जब भी उनका मन होता है तो वह मुझे अपने घर बुला लिया करती हैं।
   I am so much interested in diffferent sex but i don’t have anyone to have a sex and enjoy it .if any girls bhabies aunties interested to have a sex with me please mail me at mithismart@gmail.com .  it is enjoyable na friends. girls from odisha and locals can mail me to have a sex . As  i am like of sex i will be within minutes in u r s area .near u r s house. At your bed room. On our bed. With u r s body in me.

Comments

Popular posts from this blog

PINKY DIDI KI SATH THANDI RAT ME CHUDAI

ନାନୀ ତମେ ଯେମିତି

ରସାଳ ରସର ଜୁଆର